क्या सुरक्षा सुविधाओं के बारे में Apple के दावे झूठे हैं?
PIONEER INDIA NEWS HARYANA :Apple हमेशा से अपने डिवाइसों में मजबूत सुरक्षा का दावा करता रहा है। कंपनी ने हमेशा यूजर्स को भरोसा दिलाया है कि आईफोन में दिए गए सिक्योरिटी फीचर्स को तोड़ना आसान नहीं है। लेकिन न्यूज 24 द्वारा दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक अब चोरों ने इसका भी तोड़ ढूंढ लिया है. दरअसल, अगर किसी यूजर का फोन चोरी हो जाए तो उसे परेशानी होना स्वाभाविक है, लेकिन उसे फोन में मौजूद निजी और बैंकिंग डिटेल्स के गलत हाथों में जाने का डर ज्यादा रहता है।
क्या Apple के दावे ग़लत हैं?
दरअसल, न्यूज 24 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तमाम सुरक्षा के बावजूद चोरी हुआ आईफोन ऑफलाइन हो गया, जिसके बाद आईफोन का पता भी नहीं चल सका। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चोरी हुए iPhone को Apple ID का इस्तेमाल करके Apple के स्टोलन डिवाइस प्रोटेक्शन और स्क्रीन लॉक के जरिए लॉक किया गया था। इसके बावजूद ऐसा हुआ.
रिपोर्ट में कंपनी के इस दावे की आलोचना हुई कि आईफोन को बंद होने के बाद भी ट्रैक किया जा सकता है। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि फोन बंद होने के बाद फोन के सभी सिक्योरिटी फीचर्स इनेबल होने के बावजूद यूजर को कोई लोकेशन नहीं दिखाई गई।
Apple यूजर्स फिशिंग अटैक का शिकार हो रहे हैं
रिपोर्ट्स में Apple यूजर्स को चोरों के फिशिंग हमलों के प्रति सचेत किया गया है. दरअसल, iPhone को अनलॉक करने के लिए Apple ID की आवश्यकता होती है, जो चोरों के पास नहीं होती है। इसे पाने के लिए चोर यूजर्स को एक मैसेज भेजते हैं, जिसमें एक लिंक भी मिलता है। मैसेज यूजर्स को बताता है कि उनका फोन ट्रैक कर लिया गया है। फोन की लोकेशन जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
जैसे ही यूजर लिंक पर क्लिक करता है, Apple की आधिकारिक वेबसाइट जैसा एक पेज खुल जाता है। यहां यूजर धोखा खा जाता है और अपना आईफोन वापस पाने के लिए आईडी पासवर्ड भरता है और यह सीधे चोरों के पास चला जाता है, जिससे चोर आसानी से आईफोन को अनलॉक कर सकते हैं।