फोल्डेबल फोन स्क्रीन को तोड़े बिना कैसे मुड़ता है? जानिए क्या है खास
PIONEER INDIA NEWS HARYANA : देश-दुनिया में फोल्डेबल फोन का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। इसी क्रेज को देखते हुए मोबाइल कंपनियों ने भी बाजार में टचस्क्रीन वाले फोल्डेबल फोन लॉन्च किए हैं। फोल्डेबल फोन का इस्तेमाल करने से यूजर को एक अलग अनुभव मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कांच की स्क्रीन बिना टूटे आसानी से कैसे मुड़ जाती है? तो आइए जानते हैं इसके पीछे की तकनीक।
फोल्डेबल फोन का चलन नया नहीं है, फोल्डेबल फोन सालों से बाजार में उपलब्ध हैं। लेकिन उनमें फुल डिस्प्ले ग्लास स्क्रीन नहीं होती थी और उन फोन में बटन भी होते थे। लेकिन वर्तमान में जो मोबाइल कंपनियां फोल्डेबल और फ्लिप फोन लॉन्च कर रही हैं वे पूरी तरह से टच स्क्रीन हैं। दरअसल, ज्यादातर फोल्डेबल फोन में LCD की जगह OLED का इस्तेमाल होता है। फ़ोन पर हम जो छवि देखते हैं वह लाखों रंगीन बिंदुओं से बनी होती है। इन चश्मों से छवियाँ प्राप्त करने के विभिन्न तरीके हैं। इन तरीकों को LCD, OLED, Micro LED या Mini LED कहा जाता है।
LCD और OLED में क्या अंतर है?
फ़ोन में LCD और OLED दोनों स्क्रीन का उपयोग किया गया है। जबकि एलसीडी डिस्प्ले के लिए बैकलाइट को स्क्रीन की एक परत की आवश्यकता होती है। इससे LCD कठोर हो जाती है। इसके विपरीत, बिजली लागू होने पर OLED में पिक्सेल जलते हैं। इसलिए इसकी स्क्रीन पतली है और आसानी से मुड़ जाती है। वैसे इस फोल्डेबल फोन में ग्लास की जगह प्लास्टिक डिस्प्ले का इस्तेमाल किया गया है। हर कोई जानता है कि कांच को मोड़ा नहीं जा सकता। इसी वजह से अब फोल्डेबल फोन में प्लास्टिक डिस्प्ले का इस्तेमाल किया जाता है, जो आसानी से फोल्ड हो जाता है। इसके अलावा बार-बार खुलने और बंद होने से भी फोन खराब नहीं होता है।
OLED डिस्प्ले में भी कई परतें होती हैं-
सब्सट्रेट परत- स्क्रीन के आधार के रूप में कार्य करती है।
टीएफटी परत- शक्ति को नियंत्रित करती है।
OLED परत- प्रकाश उत्सर्जित करती है।
आवरण परत - शेष परतों को सुरक्षा प्रदान करती है।