मारुति सुजुकी की क्रॉसओवर एसयूवी का निर्यात 472 फीसदी बढ़ा है, विदेशों में भी जिम्नी की काफी मांग है।

PIONEER INDIA NEWS HARYANA : भारत में हर महीने लाखों नई कारें बिकती हैं, लेकिन लोगों के मन में एक सवाल यह है कि भारत कई कंपनियों का मैन्युफैक्चरिंग हब है, लेकिन यहां बनी कारों की विदेशों में कितनी मांग है और कौन सी? प्रति माह कितनी कारें बिकती हैं? अब अगर पिछले जुलाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा निर्यात की जाने वाली कारों की सूची में पहले स्थान पर फॉक्सवैगन वर्टस थी, जो एक मध्यम आकार की सेडान है और भारत में अपने सेगमेंट में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार भी है। इसके बाद मारुति सुजुकी की क्रॉसओवर एसयूवी फ्रंटएक्स रही। मारुति सुजुकी की लाइफस्टाइल एसयूवी जिम्नी के निर्यात में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है। आइए आज हम आपको भारत से सबसे ज्यादा निर्यात होने वाली टॉप 10 कारों के बारे में बताते हैं।

फॉक्सवैगन इंडिया ने पिछले साल जुलाई में अपनी मध्यम आकार की सेडान वर्टस की 6694 इकाइयों का निर्यात किया, जो साल-दर-साल 130 प्रतिशत की वृद्धि है।
हाल के दिनों में मारुति सुजुकी के कार निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है और हाल ही में कंपनी ने जापान में फ्रंट क्रॉसओवर एसयूवी का निर्यात भी शुरू कर दिया है। फिलहाल जुलाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो फ्रैंक निर्यात के मामले में दूसरे नंबर पर है और उसने 5298 यूनिट्स का निर्यात किया है। यह संख्या 475 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि है।

हुंडई मोटर इंडिया ने पिछले साल जुलाई में अपनी मिड साइज सेडान वर्ना की 4673 यूनिट्स का निर्यात किया था और साल-दर-साल इस आंकड़े में 8.5 फीसदी की गिरावट आई है।
हुंडई मोटर इंडिया की एंट्री-लेवल हैचबैक ग्रैंड आई10 की पिछले महीने भारत से 4,564 यूनिट्स का निर्यात हुआ, जो साल-दर-साल 2.6 प्रतिशत अधिक है।

हालांकि मारुति सुजुकी जिम्नी की भारत में अच्छी बिक्री नहीं हो रही है, लेकिन विदेशों में इसकी बंपर डिमांड है। पिछले जुलाई में मेड इन इंडिया जिम्नी की 4528 यूनिट्स एक्सपोर्ट की गईं और यह आंकड़ा साल-दर-साल 5705 फीसदी बढ़ा है।