कोलकाता की घटना के चलते राजस्थान के सभी अस्पताल बंद, डॉक्टर हड़ताल पर

PIONEER INDIA NEWS HARYANA : कोलकाता की घटना को लेकर मेडिकल क्षेत्र में काफी गुस्सा है. आईएमए के आह्वान पर देशभर में बहिष्कार किया गया. राजस्थान में सभी निजी अस्पताल, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर बंद हैं। इसके अलावा प्रदेश भर में सेवारत डॉक्टरों ने भी ओपीडी का बहिष्कार किया. इससे सरकारी अस्पताल में मरीजों का बुरा हाल हो गया। वहीं, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षकों ने भी दो घंटे कार्य बहिष्कार कर समर्थन दिया. डॉक्टरों के इस आंदोलन का व्यापक असर हुआ. ओपीडी में मरीजों को इलाज नहीं मिलने से घर पर भी मरीज परेशान हो रहे थे, हड़ताल के कारण कई ऑपरेशन भी टाल दिये गये थे.

एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में विभिन्न विभागों के एचओडी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन ज्यादातर ओपीडी में एचओडी भी नजर नहीं आए. वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार ने एसएमएस अस्पताल में 20 और डॉक्टरों की नियुक्ति की है. इसके अलावा डॉक्टरों की हड़ताल के मद्देनजर चिकित्सा विभाग ने वायुसेना और सेना समेत अन्य सशस्त्र बलों से मदद मांगी है. वायु सेना, सेना, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, रेलवे, एनटीपीसी, बीएसएफ, जिंक आदि में उपलब्ध डॉक्टरों की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक को संभागीय आयुक्त को लिखना चाहिए। हड़ताल के कारण मरीज पूरे दिन भटकते नजर आये.

कोलकाता में डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या से बीकानेर के सभी डॉक्टरों में आक्रोश है। खाजूवाला अस्पताल में ओपीडी, आईपीडी पूर्णतया बंद है। डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. खाजूवाला की मेडिकल एवं लैब एसोसिएशन ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए हैं। डूंगरपुर जिले में भी सरकारी और निजी डॉक्टर हड़ताल पर हैं. डॉक्टरों ने जिला अस्पताल से कलेक्टर कार्यालय तक वाहन रैली भी निकाली.
