CIBIL Score: घर बेठे चेक करे अपना CIBIL Score, लोन लेने से पहले जान लें ये जरुरी बात

वैसे तो इसे निकालने के लिए कई तरह का जटिल गुणा-भाग किया जाता है. लेकिन, इसमें सबसे जरूरी लोन चुकाने का ट्रेंड है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप लोन चुकाने में ईमानदार हैं, तो बैंक भी आपको लोन देने में दिलचस्पी दिखाएंगे. आइए, यहां देखते हैं कि आखिर वास्तव में सिबिल स्कोर क्या है और इसे कैसे कैलकुलेट करते हैं.

किसे कहा जाता है सिबिल स्कोर?
सिबिल स्कोर 3 अंकों की एक संख्या है. इस पर आधारित एक रिपोर्ट बनती है. यह सिबिल रिपोर्ट कहलाती है. इसमें आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की पूरी जानकारी होती है.
इसका पता 'खातों' के विवरण से लगाया जाता है. इसमें क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट, उनके पेमेंट का स्टेटस और उन्हें चुकाने में बचे दिन का सिलसिलेवार उल्लेख होता है.

स्कोर कर्ज लेने की पात्रता को दर्शाता है. यह लोन को अदा करने के पिछले रिकॉर्ड और आपकी उसे लौटाने की क्षमता पर आधारित होता है. इस स्कोर की रेंज 300 से 900 के बीच होती है.
स्कोर जितना ज्यादा होता है, लोन मिलने की संभावना उतनी बढ़ जाती है. सच तो यह है कि 79 फीसदी लोन 750 से अधिक के सिबिल स्कोर को देखकर दिए जाते हैं.

कैसे कैलकुलेट किया जाता है आपका CIBIL स्कोर
चार महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका आपके सिबिल स्कोर पर असर पड़ता है:
पेमेंट हिस्ट्री : देर से ईएमआई भरना या डिफॉल्ट करने का आपके सिबिल स्कोर पर प्रतिकूल असर पड़ता है.
क्रेडिट मिक्स: मिलेजुले सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन होने का आपके क्रेडिट स्कोर पर सकारात्मक असर होता है.

बार-बार पूछताछ : लोन के विषय में बहुत ज्यादा पूछताछ करने का आपके स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है. यह संकेत देता है कि भविष्य में
आपके लोन का बोझ बढ़ सकता है.
हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन : हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन लिमिट समय के साथ कर्ज बढ़ने का संकेत देती है. इसका स्कोर पर अच्छा असर नहीं होता है.
कैसे आप सुधार सकते हैं अपना CIBIL स्कोर?
अगर किसी कारण से आपका सिबिल स्कोर अच्छा नहीं है तो हम यहां बता रहे हैं कि कैसे इसे सुधारा जा सकता है:
अपने बकाया बिलों का भुगतान हमेशा समय से करें. लेट पेमेंट को बैंक अच्छा नहीं मानते हैं.
क्रेडिट का इस्तेमाल बहुत ज्यादा नहीं करें. खर्चों पर अंकुश लगाएं.
होम और ऑटो लोन जैसे सिक्योर्ड लोन और पसर्नल और क्रेडिट कार्ड सरीखे अनसिक्योर्ड लोनों के बीच संतुलन बनाएं. बहुत ज्यादा अनसिक्योर्ड लोन को अच्छा नहीं माना जाता है.
ज्वाइंट अकाउंट है तो ज्वाइंट अकाउंट होल्डर पर नजर रखें. ज्वाइंट अकाउंट होल्डर की लापरवाही का भी आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है.
समय-समय पर क्रेडिट हिस्ट्री की समीक्षा जरूर करें. अपने सिबिल स्कोर पर नजर बनाकर रखें. रिपोर्ट को नियमित रूप से जांचने से आप बैंक की ओर से कोई गलती होने पर उसे सुधरवा पाते हैं.