iPhone : अगर आप भी खरीदना चाहते है सेकेंड हैंड iPhone इन खाश बातो का रखे ध्यान, नही तो आपके पैसे हो जायेगे बर्बाद

Pioneer indiya , Digital Desk- New Delhi: ऐपल iPhone के दीवाने सभी लोग रहते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इसकी महंगी कीमत की वजह से इसे नहीं खरीद पाते हैं. ऐसे में कई लोग ऐसे होते हैं जो चाहते हैं कि सेकेंड हैंड iPhone खरीद कर पैसे बचा लिए जाए. ऐसा किया तो जा सकता है।

लेकिन बहुत सावधानियों के साथ. तो अगर आप भी मन बना रहे हैं कि कोई अच्छा सा सेकेंड हैंड iPhone खरीदने का मन बना रहे हैं तो कुछ बातों को खास ख्याल रखना जरूरी है. सबसे पहले ये जान लें ऐपल इंडिया में ऑफिशियली रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट नहीं बेचता है.
टूटा-फूटा:- आप जिस iPhone को खरीदने की सोच रहे हैं और वह कुछ साल पुराना है, तो उसमें टूट-फूट हो सकती है. खासकर अगर पिछले ओनर द्वारा इसका रखरखाव अच्छी तरह से नहीं किया गया हो.

सेलर से अनुरोध करें कि अगर संभव हो तो क्लोज़-अप शॉट्स सहित सभी एंगल से डिवाइस की फोटो शेयर करें. इससे आप स्क्रैच, डेंट जैसी चीज़ों को देख सकते हैं और तय कर सकते हैं कि इसे खरीदा जाए या नहीं.
Proof of Purchase:- सेल से ओरिजिनल रसीद या डिजिटल कॉपी भेजने के लिए कहें. रसीद जरूरी है क्योंकि इससे सेलर का नाम वेरिफाई हो जाता है. ये स्टेप आपको मदद करता है।

कि क्या सेलर मूल मालिक था और क्या iPhone अभी भी वारंटी में आता है. अगर सेलर रसीद प्रदान करने में असमर्थ है, तो आपको देखना होगा कि वह पुराना आईफोन खरीदा जाए या नहीं.
IMEI नंबर- सेलर से IMEI नंबर का लेकर उसे वेरिफाई करें कि डिवाइस स्पेसिफिकेशन ऑफिशियल रसीद से मेल खाता है या नहीं. आप iPhone पर Settings > General > About पर जाकर करके IMEI नंबर पा सकते हैं.

Parts: पुराने आईफोन का वेरिफिकेशन करते समय ये जरूर पता कर लें कि सेलर ने पहले जब भी आईफोन रिपेयर कराया है तो इसे ऐपल ऑथराइज़ सेंटर में कराया है या फिर लोकर सेंटर से. अगर लोकल किसी जगह से रिपेयरिंग कराई गई है तो हो सकता है कि अंदर के पार्ट में हेर-फेर किया गया हो.