झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने किया स्पीकर को हटाने का फैसला, सचिव को लिखा पत्र, क्यों असमंजस में है विपक्ष?

PIONEER INDIA NEWS HARYANA : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार नहीं रुकी. बीजेपी के 18 विधायकों के दो दिन के निलंबन से नाराज विपक्ष ने स्पीकर को हटाने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव को पत्र लिखा है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो पर कई गंभीर आरोप लगाए गए और उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव रखा गया. इसके अलावा नियमानुसार कार्रवाई करने की भी मांग की गई। बीजेपी के इस प्रस्ताव से एक बार फिर झारखंड में सियासत गरमा गई है.

चिट्ठी में बीजेपी ने क्या लगाए आरोप?
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने पत्र में विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य नियम 158(1) का हवाला देते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर विधानसभा अध्यक्ष ने 18 बीजेपी विधायकों को 2 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है. विपक्ष पहले से ही युवाओं और संविदा कर्मियों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से जवाब मांग रहा था. तब मुख्यमंत्री ने उनके सवाल का जवाब नहीं दिया. इसलिए विपक्ष के विधायक सदन में ही रुके रहे. अगले दिन से काम शुरू हो गया. इसलिए झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू के प्रस्ताव पर स्पीकर ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए 18 बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया. आमतौर पर ऐसा प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सदन में लाया जाता है. व्यवसाय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की जाती है। इसके बाद ही यह कार्रवाई की गयी है. बीजेपी ने पत्र में यह भी लिखा कि स्पीकर ने झामुमो कार्यकर्ता की तरह काम किया. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने झामुमो प्रत्याशी के लिए दुमका में आयोजित चुनावी सभा में प्रचार भी किया था. बांग्लादेशी घुसपैठ के आरोप पर बीजेपी के गोड्डा सांसदों पर निजी टिप्पणी की. उन्होंने कई बार केंद्र सरकार की आलोचना भी की. ऐसे में स्पीकर की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं.

मानहानि का केस दायर करेगी बीजेपी!
बीजेपी ने पत्र में ये भी लिखा है. मार्शल के जरिए विपक्षी विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. स्पीकर के इस रवैये से पार्टी बेहद नाखुश है. इसलिए विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ सक्षम न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर करने की तैयारी चल रही है. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने पत्र में यह भी लिखा है कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री से जवाब मांगा. इसलिए उसने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। विधानसभा की प्रक्रिया और कामकाज के मुताबिक अध्यक्ष सदन नहीं चला सकते. इसलिए उन्हें राष्ट्रपति पद से हटा देना चाहिए. प्रभारी सचिव को भेजे गए पत्र पर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत 22 बीजेपी विधायकों ने हस्ताक्षर किये हैं.

31 जुलाई को क्या हुआ था?
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने दूसरी पाली में मुख्यमंत्री से जवाब की मांग को लेकर हंगामा किया. हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी. सत्ता पक्ष के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. लेकिन सभी विपक्षी विधायक बैठक कक्ष में ही बैठे रहे. इसी बीच बिजली गुल हो गयी. एसी बंद हो गया. कई घंटे बीत गए. लेकिन विरोध जारी रहा. आखिरकार रात 10 बजे पुरुष और महिला मार्शलों ने एक-एक कर सत्ता पक्ष के सभी 20 विधायकों को जबरन बाहर कर दिया. हालांकि, कई विधायक सदन के गेट के बाहर खड़े रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.

बीजेपी के 18 विधायकों को 1 अगस्त से 2 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है. लिहाजा, जेएमएम विधायक सुदिव्य सोनू ने विपक्षी विधायकों के रवैये पर नाराजगी जताई. इस बीच पूरे घर में हंगामा मच गया. सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर स्पीकर ने 18 बीजेपी विधायकों को विधानसभा के नियम 299, 300 और 310 के तहत 2 अगस्त दोपहर 2 बजे तक निलंबित करने का आदेश जारी किया. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, नीलकंठ सिंह मुंडा और आजसू विधायक लंबोदर महतो पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इतना ही नहीं पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी विधानसभा की आचार समिति को सौंपी गई. कमेटी एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. बीजेपी के 18 विधायकों को निलंबित करने के स्पीकर के फैसले पर विपक्ष बंटा हुआ है.
कौन हैं स्पीकर रबींद्रनाथ महतो?
झारखंड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो झामुमो के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। 1990 में वह झामुमो में शामिल हो गये. 1995 में झारखंड स्वायत्त परिषद के पार्षद बने. झारखंड अलग आंदोलन में वे जेल भी गये. गठबंधन ने 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। इस चुनाव में जामताड़ा के नाला विधानसभा क्षेत्र से रवीन्द्रनाथ महतो ने 3520 वोटों से जीत हासिल की. इसके बाद झामुमो की ओर से स्पीकर पद के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया गया. उन्होंने 6 जनवरी 2020 को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और अगले दिन 7 जनवरी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर स्टीफन मरांडी ने उन्हें 11वीं विधानसभा अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई।
झारखंड में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसमें जेएमएम और बीजेपी गठबंधन एक बार फिर आमने-सामने होंगे. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में 6 सीटों पर मिली जीत ने भारत अघाड़ी को नई ताकत दी है. इसलिए एनडीए ने भी आदिवासियों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने की पूरी कोशिश कर दी है. चुनाव से पहले विधानसभा के आखिरी सत्र के आखिरी दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच यही खींचतान देखने को मिली.