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एक भी केस सामने नहीं आता...IAS संजीव हंस को बड़ी राहत, पटना हाईकोर्ट ने रेप केस खत्म करने की याचिका स्वीकार की

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एक भी केस सामने नहीं आता...IAS संजीव हंस को बड़ी राहत, पटना हाईकोर्ट ने रेप केस खत्म करने की याचिका स्वीकार की

PIONEER INDIA NEWS HARYANA : पटना के रूपसपुर थाने में दर्ज केस को रद्द करने को लेकर आईएएस अधिकारी संजीव कुमार हंस की याचिका को स्वीकार करते हुए पटना हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. पटना हाई कोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 21 जून 2024 को संजीव कुमार हंस की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे उन्होंने आज सुनाया. यहां यह भी बता दें कि कुछ दिन पहले ही आईएएस अधिकारी संजीव कुमार हंस को राज्य सरकार ने पद से हटा दिया था. उनके खिलाफ रूपसपुर थाने में दुष्कर्म और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने इस केस को रद्द करने के लिए पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज रेप केस को खारिज करने के लिए दायर याचिका को स्वीकार कर बड़ी राहत दी है. याचिकाकर्ता की ओर से राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार, वरदराजन मंगलम, रितिका रानी और झारखंडी उपाध्याय उपस्थित हुए। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रेप केस को रद्द कर दिया है. महिला के वकील दीनू कुमार के मुताबिक जस्टिस संदीप कुमार ने अपने फैसले में कहा कि मामला गलत तरीके से दर्ज किया गया है. इस मामले में कोई मुकदमा नहीं है.

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हम आपको बता दें कि रिजल्ट की तारीख पहले से ही तय थी. मामला क्यों रद्द किया गया, इसकी व्याख्या करने वाले 30 पेज के आदेश की एक प्रति अदालत द्वारा बुधवार को जारी किए जाने की संभावना है। आदेश की कॉपी मिलने के बाद ही कारण समझ में आएगा। इससे पहले महिला के आरोप के बाद संजीव हंस ने पटना हाई कोर्ट से राहत मांगी थी.

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हाईकोर्ट से संजीव हंस को फौरी राहत तो मिल गई, लेकिन दलीलें सुनी जा रही थीं. पटना हाई कोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और फैसले की तारीख 6 अगस्त तय की. रूपसपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए संजीव और गुलाब यादव ने पटना उच्च न्यायालय में आपराधिक रिट याचिका दायर की थी.

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